जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
Devotees who chant these verses with intense appreciate turn into prosperous by the grace of Lord Shiva. Even the childless wishing to obtain young children, have their wishes fulfilled right after partaking of Shiva-prasad with faith and devotion.
ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।
मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
शिव चालीसा का पाठ पूर्ण भक्ति भाव से करें।
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जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो। संकट ते मोहि आन उबारो॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
सांचों थारो नाम हैं सांचों shiv chalisa in hindi दरबार हैं - भजन
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